मुख्य सचिव द्वारा कलेक्टर से नाराजगी ज़ाहिर करने के बाद तय हुआ कि पंडितजी के नाम पर यथावत रहेगा मनासा सिविल हॉस्पिटल का नाम
मनासा। (कपिल सिंह /पंकज मलिक) मनासा विधायक माधव मारू समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर जारी रामेश्वर मारू बनाम दीनदयाल उपाध्याय की बहस विधायक माधव मारू के लिए परेशानी का सबब बन गई। यह बहस मनासा के दीनदयाल उपाध्याय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम बदल कर रामेश्वर मारू चिकित्सालय रखने पर शुरू हुई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उन्नयन के बाद नए भवन का नाम योजना समिति की बैठक में विधायक माधव मारू के प्रस्ताव पर बदल दिया गया था। सांसद सुधीर गुप्ता, जिले की प्रभारी मंत्री व विधायकों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम हटाने का समर्थन कर दिया। नये भवन पर रामेश्वर मारू सिविल अस्पताल का बोर्ड लगा दिया गया।
भाजपा नेताओं ने तो नहीं, एक कॉंग्रेसी ने रखा पं. दीनदयाल उपाध्याय का पक्ष
जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं में तो इस बदलाव का विरोध करने का साहस था नहीं, क्योंकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पक्ष में बोलने वाला कोई था नहीं और विधायक माधव मारू के विरोध में भी कौन बोले जब सांसद और अन्य विधायकों ने ही उन्हें सही राय नहीं दी। ऐसे में बात का बतंगड़ तब बना जब नाम बदलने पर मनासा के एक कॉंग्रेसी नेता आर सागर कछावा ने मारू बनाम पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की बहस छेड़ दी। आर सागर कछावा ने सोशल मीडिया पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की वरिष्ठता और उनके द्वारा पार्टी के लिए योगदान की तुलना में स्व.रामेश्वर मारू पर सवाल खड़े कर दिए जिसके जवाब में कुछ मारू समर्थक कछावा से भीड़ गए।
मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला तो मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी
इस भीड़मभाड़ी में मुद्दा मुख्यमंत्री तक पहुँच गया। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री की नाराज़गी मुख्य सचिव तक पहुंची तो मुख्य सचिव ने नीमच कलेक्टर से नाराज़गी ज़ाहिर की। ऐसे में जिला भाजपा द्वारा आनन-फानन में डेमेज कंट्रोल तय किया गया। भाजपा जिला कार्यालय से पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पक्ष में पत्र जारी किया गया। पार्टी के प्रति उनके सिद्धांतों, आदर्शों और योगदान को महिमामण्डित कर मनासा सिविल हॉस्पिटल का नाम यथावत पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखना तय किया गया। इस आशय का एक पत्र भी नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार द्वारा कलेक्टर को लिखा गया।
विधायक माधव मारू ने भी दिखाया बड़ा दिल, मांगी माफी
मनासा सिविल अस्पताल का नाम बदले जाने के अपने प्रस्ताव पर मचे कोहराम के बाद भोपाल तक हलचल होने पर विधायक माधव मारू ने भी बड़ा दिल दिखाया और माफी मांग ली। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि जब अस्पताल भवन का नाम रामेश्वर मारू के नाम पर रखने का प्रस्ताव किया था तब किसी के मन में यह खयाल नहीं आया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम पहले से ही पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर था। उन्होंने कहा कि गलती हुई है, संज्ञान में आने पर सुधार किया जा रहा है।
आयुष अस्पताल का नाम होगा स्व. दादा रामेश्वर मारू के नाम पर
विधायक द्वय दिलीप सिंह परिहार व माधव मारू ने बताया कि मनासा में ही एक और अस्पताल आ रहा है उसका नाम स्व.रामेश्वर मारू के नाम पर रखा जाएगा।
वह व्यक्ति कौन है, जिसने बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई !
यह बात सच है कि कॉंग्रेस नेता आर सागर कछावा ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर सवाल उठाया था। लेकिन यह भी सच है कि मुख्यमंत्री तक इस घटनाक्रम की जानकारी पहुंचाने वाला कोई और है ! वह कोई और कौन है, यह सवाल भाजपाई खेमे में एक दूसरे से पूछा जाना लाजिमी है!!