नीमच। (कपिल सिंह चौहान) सीआरपीएफ स्थापना दिवस समारोह के एक कार्यक्रम में भाग लेने नीमच आए गृहमंत्री अमित शाह लगभग 13 घंटों से भी ज्यादा नीमच में रहे। इसी कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भी शिरकत की और उन्होंने भी लगभग इतना ही समय गृहमंत्री अमित शाह के साथ नीमच में बिताया। मगर अपने नेताओं का सान्निध्य पाने, उनका स्वागत सत्कार करने की आस नीमच के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के मन में दबी की दबी ही रह गई। स्थानीय जनप्रतिनिधी चाहते तो बड़ी सहजता से दोनों शीर्ष नेताओ के इस लंबे प्रवास को राजनीतिक, प्रशासनिक व जनहित के लिहाज से भुना सकते थे मगर इस मामले में राजस्थान के निम्बाहेड़ा के विधायक श्रीचंद कृपलानी महफ़िल ही लूट ले गए।
निम्बाहेड़ा में तयशुदा कार्यक्रम के बगैर खुले में कार्यकर्ताओं से मिले अमित शाह
दरअसल नीमच प्रवास पर आ रहे गृहमंत्री अमित शाह का ना तो निम्बाहेड़ा का कोई कार्यक्रम तय था ना ही वहाँ कोई सभा थी। मगर निम्बाहेड़ा के विधायक श्रीचंद कृपलानी ने नीमच आ रहे केन्द्रीय गृहमंत्री के काफिले को ना सिर्फ बीच चौराहे पर रुकवाया बल्कि बाकायदा अमित शाह गाड़ी से उतरे और उन्हें कार्यकर्ताओं से मिलवाया। यहाँ अमित शाह को मेवाड़ी पगड़ी भी पहनाई गई। भले ही पाँच मिनट मगर कार्यकर्ताओं के बीच उतरे अमित शाह से रूबरू मिलने का अवसर निम्बाहेड़ा के कार्यकर्ताओं को मिला। यहाँ विधायक श्रीचंद कृपलानी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर अमित शाह जिन्दाबाद, नरेंद्र मोदी जिन्दाबाद के नारे लगाए, उत्साह से पुष्पवर्षा की और उन्हें गुलदस्ते भेंट किए। किसी तयशुदा कार्यक्रम के बगैर विधायक श्रीचंद कृपलानी के प्रयासों से अमित शाह से मिलकर कार्यकर्ता उत्साह से भर गए और उनसे यह छोटी सी मुलाकात निम्बाहेड़ा भाजपा कार्यक्रताओं के लिए यादगार बन गई।
नीमच में शाह ना जनता के हिस्से आए न कार्यकर्ताओं के
वहीं दूसरी और नीमच में लगभग 13 घंटे बिताने के बाद भी अमित शाह ना जनता के हिस्से आए ना ही कार्यकर्ताओं को उनके दीदार हुए। नीमच के आम शहरी सिर्फ अमित शाह के काफिले के शोर और प्रोटोकॉल की बंदिशों के जरिए अमित शाह की उपस्थिती को महसूस करते रहे। पहली बार नीमच में किसी शीर्ष नेता का इतना लंबा प्रवास बना था। मगर चूंकि कार्यक्रम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का था तो शहर में घुसते ही अमित शाह सीआरपीएफ के पहरे में हो गए। आम जनता और कार्यकर्ता तो ठीक अमित शाह के ऑफिसर्स मेस पर आने के बाद कई बड़े अधिकारियों और नेताओं तक को परिसर से बाहर कर दिया गया।
मोहन के मोह से भी अछूती रही जनता, नेताओं तक ने जताया रोष
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शहर में उतना ही समय गुजारा मगर शहर की जनता और कार्यकर्ताओं के साथ उनका परस्पर वह संवाद नहीं हो पाया जैसा इतने समय में संभव हो सकता था ओर तो ओर नीमच हवाई पट्टी पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के आने से पहले उनके स्वागत में नाम शामिल ना होने की वजह से भाजपा नेताओं में भारी आक्रोश देखा गया। स्वागत की कतार में शामिल ना किए जाने को लेकर विधायक दिलीप सिंह परिहार व भाजपा जिलाध्यक्ष वंदना खंडेलवाल की भाजपा नेता संतोष चोपड़ा, महेंद्र भटनागर व अन्य से तनातनी हो गई। संतोष चोपड़ा ने विधायक दिलीप सिंह परिहार से नाराजगी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हों या विधायक सब हम बनाते हैं, उसके बावजूद हमें स्वागत से दूर रखा जा रहा है, यह हमारे लिए अपमानजनक है।
लब्बोलुआब यह है कि सुरक्षा, प्रोटोकॉल, भागमभाग और बंदिशों के बीच सीआरपीएफ को दिए गए समय के बावजूद पर्याप्त समय था कि दोनों नेताओं की उपस्थिती में यह नीमच दौरा प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टि से अवसरों और सौगातों के रूप में यादगार हो सकता था यदि स्थानीय विधायकों व सांसद ने सहजता से पहल व प्रयास किए होते ।