नीमच 8 अप्रैल। आम आदमी पार्टी द्वारा आरोप लगाया गया की सरकार की दबाव की राजनीति के चलते जाँच एजेंसिया स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रही हैं और प्रदेश सरकार की नाकामी के चलते करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार के आरोपियों को जमानत मिल रही है जिसका तीव्र विरोध सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है और विरोध प्रदर्शन करने वाले साथियो पर ही झूठे केस लादे जा रहे हैं । जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी ने कलेक्टर कार्यालय नीमच पहुंचकर अनोखा प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी की गई। आप कार्यकर्त्ता अपने हाथो में एक सांकेतिक सोने की थाली में सोने-चांदी के बिस्किट एवं नगद रुपये लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और परिवहन विभाग के लिए भेंट किया। उनका कहना था की इस धन दौलत से अपना और अपने आकाओं की अवैध वसूली की भूख शांत कर ऐशो आराम की जिंदगी जी सके और गरीब वाहन चालको से अवैध वसूली न करे। हालांकि ज्ञापन लेने पहुंची तहसीलदार ने सिर्फ ज्ञापन लिया और रुपये व बिस्किट लेने से मना कर दिया। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन को देखने के लिए जनसुनवाई में आये लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई।
जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय में होने वाली जनसुनवाई में आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार जागृति जाट को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश में परिवहन विभाग द्वारा उच्च राजनीतिक एवं प्रशासनिक संरक्षण के चलते चेक पोस्टों पर गरीब वाहन चालकों से डंडे के दम पर अवैध वसूली की जाती थी । जिसका आम आदमी पार्टी द्वारा निरंतर विरोध संवैधानिक तरीको से किया गया। पार्टी की शिकायत पर ही तत्कालीन कलेक्टर नंद कुमारम और पुलिस अधीक्षक तरुण नायक के दिशा निर्देशानुसार नयागॉव चेकपोस्ट पर छापामार कार्यवाही की गई थी। जिसमे अवैध वसूली में प्रयुक्त होने वाले होलोग्राम युक्त स्टिकर जब्त किये गए थे एवं नयागांव चेकपोस्ट के अधिकारियो एवं कर्मचारियों पर संगीन धाराओं धारा 420,467, 468, 470, 471, 472, 406 व 120 बी में पुलिस रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आप के कार्यकर्ताओं ने बताया की हमारे संज्ञान में अभी आया है कि उक्त पुलिस रिपोर्ट की क्लोज़र रिपोर्ट पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई है और केस को बंद कर दिया गया है। ताकि उच्च संरक्षित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अहित न हो और इससे स्वतः प्रमाणित होता है कि अवैध वसूली के तार कहाँ तक फैले हुए हैं ।
आप नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कहा की दूसरी घटना वर्तमान में हुई है जहा भोपाल में सौरभ शर्मा के यहाँ से करोड़ो रूपये का सोना एवं सम्पत्तिया जब्त हुई है,जो कि परिवहन विभाग का ही हवलदार रहा है और एक छोटे से कर्मचारी के यंहा से जब करोड़ो रूपये की अवैध सम्पतिया जब्त हुई तो इससे जुड़े राजनेताओ एवं अधिकारियो के पास कितनी अकूत अवैध सम्पति होगी उसका अंदाजा लगाया जा सकता है । इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा किस उच्च स्तर पर वसूली की जाती है। आप नेताओ ने बताया की सौरभ शर्मा तो मात्र एक कठपुतली है और इसी कारण से आम आदमी पार्टी द्वारा 8 जनवरी को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सौरभ केस की सीबीआई, ईडी एवं न्याययिक जाँच की मांग के लिए प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मांग की गई थी एवं स्पष्ट किया था कि अगर इसकी निष्पक्ष जाँच नहीं होती है तो पार्टी द्वारा उग्र आंदोलन किया जावेगा। जिसकी जवाबदारी मुख्यमंत्री जी आपकी होगी लेकिन बड़ी विचित्र स्थिती है कि जब आपके अधीन संस्थाओं द्वारा समय पर कार्यवाही नही करने पर आरोपियों को जमानत मिल गई और इसके विरोध के लिए जब ग्वालियर के हमारे साथियो ने विरोध प्रदर्शन किया तो भाजपा सरकार ने उनके ऊपर ही केस बना दिया और 24 साथियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने पर उन पर जबरन मुकदमा दर्ज किया गया। सरकार को शायद डर है कि अगर सौरभ शर्मा केस की निष्पक्ष जांच होती है तो भोपाल के गलियारों से लेकर दिल्ली के गलियारों तक के उच्च राजनेता एवं प्रशासनिक अधिकारी बेनकाब होंगे और इसी कारण से इस केस को जावद के केस की तरह ही जबरन दबाया जा रहा है । उसी डर एवं दबाव के चलते जांच एजेंसीया जावद केस की तर्ज पर निष्पक्ष जांच नहीं कर पा रही है। वही इस केस की निष्पक्ष जांच के साथ ही जावद केस को रिओपन करने एवं ग्वालियर में हमारे साथियों के ऊपर जो जबरन पुलिस रिपोर्ट दर्ज हुई है उसे वापस लेने की मांग की गई।
ज्ञापन देते वक्त आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।