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आस्था का अनोखा चढ़ावा - साँवरिया जी मंदिर में मानता पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं अफीम

कपिल सिंह 15 February, 2025 धार्मिक

नीमच। नारकोटिक्स विभाग ने चित्तौड़गढ़ स्थित श्री सांवलिया मंदिर से बड़ी मात्रा में अफीम जब्त की है. यहाँ मंदिर पर भक्त अपनी मुराद पूरी होने पर भगवान को अफीम भेंट करते हैं. आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर को लेकर मान्यता" 

श्री साँवरिया सेठ मंडफिया में स्थित है। यह मंदिर मालवा मेवाड़ के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहाँ भक्त लाखों रूपए के अलावा मादक पदार्थ अफीम भी चढाते हैं. दरअसल, अफीम फसल की अच्छी पैदावार के लिए भक्त इस मंदिर में मन्नतें मांगते है और मन्नत पूरी होने पर भगवान को अफीम का चढावा चढ़ाते हैं. इस मंदिर के गर्भगृह से नीमच नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने 58 किलो अफीम जब्त की है, जिसे अफीम फैक्टरी में जमा करवाया गया है. 

दरअसल, मध्य प्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरी पर राजस्थान में श्री सांवलिया मंदिर स्थित है. यह एक ऐसा अनूठा मंदिर है, जहां पर ब्लैकगोल्ड कही जाने वाली अफीम भेंट करते हैं। मप्र के नीमच, मंदसौर सहित राजस्थान के कुछ हिस्सों में अफीम की पैदावार बहुत होती है. अफीम की फसल नारकोटिक्स विभाग किसानों से लेता है. जो किसान इसकी खरीद फरोख्त बाहर करता है, उसे तस्करी मान कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जाती है।

कड़ी सुरक्षा के बीच अफीम सौंपने की कार्यवाही 

श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ADM प्रभा गौतम के मुताबिक, गुरुवार दोपहर नारकोटिक्स विभाग की दो टीमों ने मंदिर पहुंचकर मंदिर प्रशासन के सहयोग से तहखाने में रखी अफीम को इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तौला. मंदिर में नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई करीब 4 घंटे चली. इस दौरान आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी, ताकि कोई भी व्यक्ति वहां न आ सके. जब्त की गई 58 किलो अफीम को कागजी औपचारिकताओं के साथ नारकोटिक्स विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया. जब्त की गई अफीम की कीमत करोड़ों रूपए बताई जा रही है.

मंदिर प्रशासन ने लिया फैसला : आगे से चढ़ावे की सारी अफीम नारकोटिक्स विभाग को सौंपी जाएगी

मंदिर में श्रद्धालु अफीम की पैदावार अच्छी होने पर भगवान को चढ़ाते हैं. ऐसे में अब बताया जा रहा कि अब से मंदिर में चढ़ने वाली अफीम हर महीने नारकोटिक्स विभाग को सौंपी जाएगी. श्री सांवलिया जी मंदिर का भंडारा महीने भर पर खोला जाता है. जानकारी के मुताबिक, यहां दानपेटी से हर महीने करीब 5 से 7 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है. मंदिर को लेकर मान्यता है कि लोग अपनी कमाई का दस या पांच प्रतिशत का हिस्सा सांवलिया सेठ को चढाते हैं.

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