न्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (Infosys co-founder NR Narayana Murthy) ने हाल ही में दिए गए अपने विवादास्पद बयान पर Dy सफाई दी है, जिसमें उन्होंने युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी. नारायण मूर्ति का यह बयान लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहा और लोगों ने इस पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दीं. अब अपने पुराने बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य किसी को भी जबरदस्ती काम करने के लिए मजबूर करना नहीं था, बल्कि उन्होंने यह बात सलाह के तौर पर आत्मनिरीक्षण के लिए कही थी.
'किसी को मजबूर नहीं कर सकते'
नारायण मूर्ति ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि युवा प्रोफेशनल्स को अपने करियर में सफल होने के लिए अधिक मेहनत करनी चाहिए. उनके इस बयान ने कई लोगों को नाराज किया और इसे काम के प्रति अत्यधिक दबाव के रूप में देखा गया. हालांकि, अब मूर्ति ने अपने बयान पर पुनर्विचार करते हुए कहा कि "किसी को भी लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है."
सोमवार को मुंबई में आयोजित किलाचंद स्मृति व्याख्यान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, मूर्ति ने कहा, "मैंने अपने करियर में 40 साल तक हर हफ्ते 70 घंटे से अधिक काम किया. यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई ऐसा ही करे." उन्होंने जोर देकर कहा कि यह जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी स्थिति और जरूरतों के अनुसार फैसले ले.
मूर्ति ने आगे कहा, "यह कोई नियम नहीं है. यह सिर्फ मेरा अनुभव है. हर व्यक्ति को अपनी क्षमता और परिस्थितियों के अनुसार काम करना चाहिए." उन्होंने यह भी बताया कि काम के घंटों से ज्यादा जरूरी यह है कि हमारा काम समाज के लिए कितना फायदेमंद है.
'खुद विचार करने की जरूरत'
नारायण मूर्ति ने इस मुद्दे पर बहस करने की बजाय आत्मनिरीक्षण करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "जो सलाह मैंने दी, उस पर लोगों को बहुत अधिक चर्चा या बहस करने की जरूरत नहीं है. इसके बजाय, यह जरूरी है कि हर व्यक्ति खुद से इस पर विचार करे और समझे कि उनके लिए क्या सही है."